निंबार्क आचार्य वृंद जयंती महोत्सव का 172वां आयोजन एक नवंबर से एक दिसंबर 2015 के बीच विभिन्न धामिर्क, सांस्कृतिक व लोक रीति रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। लोगों की रुचि की कमी नजर आई। लोग व्यक्तिगत रूप से किसी भी समारोह व कार्यक्रम में शामिल होते नहीं दिखे। स्थानीय लोगों की रुचि भी सामान्य नजर आई। नारदजी की प्रतिमा चोरी के बाद यह पहला उत्सव था। मैं खुद भी हमेशा की तरह केवल अंतिम सप्ताह में पूर्णिमा से लेकर पंचमी के दौरान ही वृंदावन में रहा।