शीतकालीन
मंगला आरती सुबह आठ बजे
श्रृंगार आरती सुबह दस बजे
राजभोग दोपहर बारह बजे
राजभोग आरती साढ़े बारह बजे
उत्थापन शाम साढ़े पांच बजे
कथा प्रसंग
संध्या आरती शाम सात बजे
कीर्तन
शयन भोग रात आठ बजे
शयन आरती साढ़े आठ बजे
ग्रीष्मकालीन
आरती सुबह साढ़े छह बजे
श्रृंगार आरती सुबह साढ़े आठ बजे
राजभोग सुबह ग्यारह बजे
राजभोग आरती सुबह साढ़े ग्यारह बजे
उत्थापन शाम छह बजे
कथा प्रसंग
संध्या आरती शाम साढ़े सात बजे
कीर्तन
शयन भोग रात साढ़े आठ बजे
शयन आरती रात नौ बजे
(मंदिर में जब श्रीमद भागवत या रामकथा का आयोजन होगा अथवा उत्सव के दिनों में समय सारणी में कुछ फेरबदल संभव है।)
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